इन कोष्ठिकाओं में जाल के समान लसीकातंतु भरा रहता है, जिसके बीच बीच में लसीकाकणिकाएँ भरी रहती हैं।
2.
इन कोष्ठिकाओं में जाल के समान लसीकातंतु भरा रहता है, जिसके बीच बीच में लसीकाकणिकाएँ भरी रहती हैं।
3.
हर एक तन्तु में से अनेक उन्मुक्त शाखाएं फूटती है जो एक-दूसरे से जुड़ती जाती है, जिससे एक जाल के समान रचना बन जाती है।
4.
फिर स् वर्ग का राज् य उस बड़े जाल के समान है, जो समुद्र में डाला गया, और हर प्रकार की मछलियां को समेट लाया।
5.
इस बार माइक्रोव्स के किसी भी कंपोनेंट के साथ इन दवाओं की अभिक्रिया तो रुकी ही, ये दवाएं बराबर सक्रिय रहीं और इन्होंने बायोफिल्म के जाल के समान सुरक्षा चक्र को भेद दिया।
6.
जाल के समान दूर से ही आकृष्ट कर बाँधने वाले विषयों तथा पिंजड़े के समान परिच्छिन्न स्थान में बाँधने वाले देह के समूह रूप इस अवस्तुभूत संसार के प्रति विवेकियों को कैसे आदर हो सकता है?
7.
भौतिक स् तर पर यह कंपनयुक् त तरंगों के जाल के समान है, जो सारे ब्रह्माड जुडा है और ब्रह्माड में घटी प्रत् येक घटना चाहे वह विचार, शब् द अथवा छोटी से छोटी क्रिया ही क् यों न हो, इस जाल में उलझ जाती है और उस पर हमेशा के लिए अंकित हो जाती है।